जंतर मंतर
सिटी पैलेस के बाहर एक खुले मैदान में बनी इस वेधशाला क निर्माण राजा जय सिंह द्वतीय ने 1724 में करवाया था जो उस समय बनी देश भर की 5 वेधशालाओं में सबसे विशाल है इसके जटिल यंत्रों का उपयोग समय, सूर्योदय एंव सूर्यास्त, तारों एंव नछत्रों की स्थिती, तथा सूर्य की दूरी को नापने के लीये कीया जाता था । आज भी ये यंत्र नक्षत्रों सटीक गंणना करने मे सक्षम है । इनमें कुछ से कुछ यंत्रों का इस्तेमाल आज भी कीया जाता है ।
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