Friday, July 31, 2009

गोवा ( goa )



प्राकर्तिक सोंदर्य से से भरपूर स्थल goa अपने समुद्री तटों की वजह से दुनिया भर में प्रसिद्द है । कर्नाटक व महाराष्ट्र से घिरे गोवा के पश्चिम में लहलहाता अरब सागर है । यहाँ की राजधानी पणजी है जो की एक साफ सुथरा शहर है । वैसे तो पूरा साल गोवा जाने के लिए उपयुक्त है किंतु अक्तूबर से मई तक का समय गोवा जाने के लिए सबसे सही रहता है । और दिसम्बर में तो गोवा जाने का अलग ही मजा है क्योंकि क्रिसमस और नया साल यहाँ बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नया साल मानाने के लिए यहाँ जगह जगह से लोग आते हैं इसीलिए इस समय यहाँ की रोनक देखते ही बनती है । इतिहास में महाभारत गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र के नाम से मिलाता है माना जाता है कि इस स्थान की रचना परुशराम ने की थी । इस स्थान का नाम गोवा पुर्तगालियों ने रखा था पुर्तगालियों ने यहाँ लगभग ४०० साल तक राज किया इस बीच यहाँ अंग्रेजों व मराठों का राज भी रहा । 1561 में गोवा पुर्तगाली शासन से आजाद होकर भारत का हिस्सा बन गया । इतने समय तक पुर्तगाल का शासन रहने के कारण आज भी पुराने गोवा के घरों की बनावट में पुर्तगालियों की छाप नजर आती है । यह एक बहुत ही साफ सुथरा राज्य है यहाँ सड़कें सुंदर वृक्षोंसे सजी हैं । गोवा की प्रमुख भाषा कोंकणी और मराठी है लेकिन पूरे गोवा में हिन्दी बोली व समझी जाती है । दर्शनीय स्थलों के लिहाज से गोवा 2 भागों में बंटा हुआ है । उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा । उत्तरी गोवा में मायेम झील, वागाटोर बीच, अंजुना बीच, कलंगूट बीच तथा फोर्ट अगोडा आदि हैं और दक्षिणी गोवा में पणजी, डोना पाऊला बीच, पुराने गोवा के बाम जीसस तथा सी केथेड्रल चर्च आदि हैं

कलंगूट बीच


यह बीच गोवा के बीचों की महारानी कहलाता है और क्यों कहलाता है ये तो वहां जाने पर ही पता चलता है । यह बीच पणजी से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। दूर तक फैले इस सुंदर तट पर हर समय बड़ी संख्या में सेलानी मोजूद रहते हैं । पूरे योवन के साथ उठती यहाँ की लुभावनी लहरें सभी को सम्मोहित कर लेती हैं । यहाँ शापिंग, पैरा सेलिंग, वाटर स्कीइंग , विंड सर्फिंग आदि एंजाय कर सकते हैं वैसे सेलानी यहाँ तैराकी का आंनद भी लेते है ।

अंजुना बीच
नारियल के वृक्षों से घिरे इस बीच की रेत लाल रंग की है । इस बीच को पहले हिप्पियों का बीच कहा जाता था । इस बीच की मिटटी सूर्य की रोशनी में अनुपम छटा बिखेरती है शायद इसीलिए anjuna beach को goa के सुन्दरतम बीचों में गिना जाता है । अगर आप मोलभाव में अच्छे मैं और आपको मोलभाव करके खरीदारी में मजा आता है तो यहाँ लगाने वाला बाजार भी आपके लिए एक आकर्षण है । इस बाजार में स्वीमिंग कास्ट्यूम, स्पोर्ट के सामान , कैमरे आदि के आलावा और भी बहुत कुछ सामान मोलभाव करके कम दाम में ख़रीदा जा सकता है । इस बाजार में खरीदारी का अलग ही मजा है । इस बीच पर चाँदनी रातों में हिप्पियों की पार्टियाँ होती हैं जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कराती हैं


डोना पाउला बीच
गोवा (goa) का डोना पाउला बीच (dona paula beach) यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है । इस बीच का नाम डोना पाउला यहाँ के एक वायसराय की बेटी डोना पाउला और एक मछुआरे की अधूरी प्रेम कहानी से जुड़ा है । यह पणजी (panaji) से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहाँ से मारगाओ बंदरगाह एंव जुआरी नदी के खूबसूरत द्रश्य मन मोह लेते हैं . यहाँ अनेक प्रकार की जल क्रीड़ाओं (water sports) का आनन्द लिया जा सकता है जैसे वाटर स्कीइंग (water skiing),वाटर सर्फिंग (water surfing), स्कूटरिंग (scootering) आदि । यहाँ स्पीड बोट (speed boat) और पैराग्लाईडिंग (paragliding) का मजा भी लिया जा सकता है । खरीदारी के लिए यहाँ पर स्ट्रा हैट, लैस वाले रुमाल, और मसाले ख़रीदे जा सकते हैं । इसके आलावा यहाँ की काजू फैनी (kaju feni) और पोर्ट वाइन (port wine) मशहूर हैं ।


बागा बीच

अगर मन को एकांत और शान्ति चाहिए तो goa का यह बीच इसके लिए एकदम उपयुक्त है । क्योंकि यह बीच शहरी शोर शराबे से दूर एक शांत स्थल है . असल में यह बीच कोलंगूट बीच का ही विस्तार है और मछुआरों का प्रिय स्थल है । विदेशी सेलानियों में इस बीच का बड़ा क्रेज है । यदि इस बीच पर जाएँ तो बीच साईड केंडिल लाईट डिनर अवश्य करें क्योंकि इसका अलग ही मजा आता है । इस बीच पर बसें बहुत ही कम व दिन के समय तक ही आती हैं शाम को वापसी के लिए कोई सवारी नही मिलती अतः यहाँ देर तक रुकना हो तो अपना वाहन लेकर आना ही उचित रहता है ।


वागाटोर बीच
यह बीच भी goa के सुंदर बीचों में से एक है . यहाँ पानी अधिक गहरा नहीं है अतः जो लोग तेरना नही जानते वो यहाँ नहा सकते हैं एंव लहरों का आनन्द ले सकते हैं । यहाँ का तट पत्थरों से घिरा हुआ है इसीलिए पत्थरों से टकराती लहरें पास खड़े पर्यटकों को भिगो कर रोमांचित कर देती हैं ।





बाम जीसस चर्च
यह विश्वप्रसिद्ध चर्च पणजी से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था । यहाँ संत फ्रांसिस जेवियर्स का पार्थिव शरीर चांदी के ताबूत में बिना किसी मसाले या लेप के सुरक्षित रखा हुआ है । यह चर्च भारत में बारोक वास्तुकला का सर्वोत्तम उदहारण माना जाता है । भित्त्चित्रों व शिल्पकला से सुसज्जित इस चर्च की कलात्मकता देखते ही बनती है ।

संत केथेड्रल चर्च

यह चर्च बाम जीसस चर्च के ठीक सामने स्थित है । इस चर्च का निर्माण पुर्तगाली शासन में रोमन केथोलिकों द्वारा 16वीं शताब्दी में किया गया था । इसके निर्माण में लगभग 75 वर्ष का समय लगा था । यह चर्च एशिया के सबसे बड़े गिरजाघरों में से एक है । पुर्तगाली शेली के इस भवन का बाहरी हिस्सा सादापन लिए है जबकि अंदरूनी हिस्से की सजावट अपनी भव्यता से दर्शकों का मन मोह लेती है

इसके आलावा goa में कई चर्च, प्रसिद्ध मन्दिर, संग्रहालय व अभ्यारण हैं जो देखने लायक हैं ।
चर्च - संत फ्रांसिस, होली स्पिरिट, संत अगस्टिन आदि ।
मन्दिर - कमाक्षी मंदिर, सप्तकेतेश्वर मंदिर, श्री शांतादुर्ग मंदिर, महलासा नारायणी मंदिर, भगवती मंदिर व महालक्ष्मी मंदिर आदि।
अभ्यारण - बोंडला
अभ्यारण, कावल वन्य प्राणी अभ्यारण, कोटिजाओ वन्य प्राणी अभ्यारण आदि

13 comments:

अमिताभ श्रीवास्तव July 31, 2009 at 7:33 PM  

chaliye GOVA aapake saath bhi ho aaye/
bahut achhi tarah se GOVA darshan he/ vese GOVA aadi jese sthalo ki jaankaari kaafi kuchh mil jaya karti he, yaani jisake liye jyada mehanat nahi karni hoti, aapse meri apeksha yah he ki jab aapne pahal ki hi he to bharat ke un sthalo ki jyada jaankaari dene ki krapa kare jinake baare me jyada kuchh pataa nahi rahta/ vese me maanataa hoo yah bada hi kathin kaam hoga kintu mujhe nahi lagtaa ki aap kisi bhi kathin kaam se dur bhagane vaalo me se he/ meri shubhkamanaye/

नमिता पाण्‍डेय July 31, 2009 at 7:47 PM  

बहुत अच्छी और रोचक पोस्ट। गोवा भ्रमण की मेरी यादें ताजा हो गयी। तस्वीरों के साथ पूरे स्थान का वर्णन आपने बहुत ही सुन्दर ढंग से किया है बहुत बहुत आभार।
हिमांशु पाण्डेय, इलाहाबाद

निर्मला कपिला July 31, 2009 at 9:22 PM  

ीआपकी पोस्ट धेख कर लगता है कि अब गोआ तो जाना ही पडेगा बहुत सुन्दर तस्वीरेण हैं आभार्

निर्मला कपिला July 31, 2009 at 9:22 PM  

ीआपकी पोस्ट धेख कर लगता है कि अब गोआ तो जाना ही पडेगा बहुत सुन्दर तस्वीरेण हैं आभार्

निर्मला कपिला July 31, 2009 at 9:22 PM  

ीआपकी पोस्ट धेख कर लगता है कि अब गोआ तो जाना ही पडेगा बहुत सुन्दर तस्वीरेण हैं आभार्

निर्मला कपिला July 31, 2009 at 9:22 PM  

ीआपकी पोस्ट धेख कर लगता है कि अब गोआ तो जाना ही पडेगा बहुत सुन्दर तस्वीरेण हैं आभार्

निर्मला कपिला July 31, 2009 at 9:22 PM  

ीआपकी पोस्ट धेख कर लगता है कि अब गोआ तो जाना ही पडेगा बहुत सुन्दर तस्वीरेण हैं आभार्

RAJNISH PARIHAR July 31, 2009 at 9:29 PM  

गोवा जाने का कोई बहाना अब बचा नहीं है ,,,बहुत ही उपयोगी..जानकारी...r

adwet August 1, 2009 at 2:11 AM  

काफी यादें ताजा हो गईं, मुझे २००७ में तीन गोवा रहने का अवसर मिला। होटल सिदादे द गोवा का अपना बीच भी काफी अच्छा था। अपने ब्लॉग पर यह जानकारी देन के लिए शुक्रिया।

SANDEEP PANWAR October 12, 2011 at 5:52 PM  

अरे दोस्त अब लिखना बन्द क्यों कर दिया है।

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