Wednesday, June 17, 2009

जोधपुर

थार रेगिस्तान के किनारे बसा जोधपुर जिसे सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है । इस शहर को 1459 में राव जोधा ने बसाया था उन्ही के नाम पर इस शहर का नाम जोधपुर पडा़ । यह राजस्थान का दूसरा सबसे बडा़ शहर है । जोधपुर अपनी सांस्क्रतिक विरासत और एतिहासिक धरोहर के लीये संसार भर में मशहूर है । यहां का किला व महल इस शहर के राजसी गोरव की मिसाल है ओर पर्यटकों के आकर्शण का केन्द्र है । साल में एक बार आयोजित होने आयोजित वाला मारवाड़ समारोह शहर के प्रमुख सांस्क्रतिक समारोह के रूप में मनाया जाता है ।

मेहरान गढ़ का किला
125 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित 5 किलोमीटर लंबा भव्य किला राजस्थान की विराट इमारतों में से एक है । यह किला मयूर ध्वज के नाम से भी जाना जाता है । बाहर से अद्रश्य घुमावदार सड़कों से जुडे़ इस किले में 4 द्वार हैं । किले में कई भव्य महल हैं इनमें मोती महल, फूल महल, शीश महल, सिलेह खाना, ओर दोलत खाना प्रमुख हैं । किले के अदभुत नक्काशीदार दरवाजे ओर जालीदार खिड़कीयां महल की खूबसूरती को बयां करती है । किले में शाही साजोसामान, पालकीयों, संगीत वाद्यों, पोशाकों व विभिन्न शैलीयों के चित्रों का संग्रह भी है जो देखने लायक है ।

उम्मेद भवन पैलेस
एतिहासिक रूप से यह भवन बहुत महत्वपूर्ण है यह महल 20वीं सदी की एकमात्र ऎसी इमारत है जिसका निर्माण आकाल राहत परियोजना के तहत हुआ था इस महल से आकाल पीड़ित लगभग 3000 लोगों को कई वर्ष तक रोजगार मिला था । लगभग 20 एकड़ में फैले बलुआ पत्थरों से निर्मित यह महल 16 वर्षों में तैयार हुआ था । 183 फुट ऊंचे गुंबद वाले इस महल में 300 से भी ज्यादा कमरे हैं । इस महल के आधे हिस्से को पांच सितारा होटल में तब्दील कर दीया गया है ।

जसवंत थडा़
यह मेहरानगढ़ किले के पास स्थित एक छोटी सी पहाडी़ पर निर्मित महाराजा जसवंत सिंह द्वतीय का स्मारक है । सफेद संगमरमर से निर्मित यह स्मारक जोधपुर के इतिहास की याद दिलाता है ।







मंडोर गार्डन

जोधपुर से 9 किलोमीटर दूर मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडोर में जोधपुर के शासकों के स्मारक हैं । यहां कई ऊंचे-ऊंचे चट्टानी चबूतरे हैं व एक बड़ी चट्टान में तराशी हुई देवी देवताओं की पंद्रह आक्रतीयां हैं । अपने आकर्षक बगीचौं के कारण यह स्थान एक प्रचलित पिकनिक स्थल बन गया है ।


बालसमंद झील

इस सुंदर झील का निर्माण ईसवीं सन् 1159 में हुआ था। तीन तरफ पहाडी़यों से घिरी यह झील उम्मेद भवन की खूबसूरती में चार चांद लगाती है । झील के बीच बने  भव्य  महल का भीतरी भाग यूरोपियन स्टाइल का है मगर बाहरी दीवारें परंपरागत नक्काशीदार हैं । यहां खूबसूरत बगीचे भी हैं। भ्रमण करने के लिए यह एक रमणीय स्थल है।


कायलाना झील

शहर से 11 किलोमीटर दूर स्थित यह झील पिकनिक स्पाट के रूप में प्रसिद्ध है । यहां बगीचे हैं ओर बोटिंग करने की सुविधा है । शहर से दूर और खूबसूरत स्थल होने के कारण यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है ।

8 comments:

नीरज गोस्वामी June 17, 2009 at 3:35 PM  

जोधपुर राजस्थान का बहुत खूबसूरत शहर है...दर्शनीय स्थलों के अलावा यहाँ की मावे की कचोरी और मिर्ची बड़ा जिसने खाया है वो ही इसका स्वाद जान सकता है...भाषा और लोग इतने मीठे की चाशनी टपकती हो जैसे...
नीरज

Manish Kumar June 17, 2009 at 3:54 PM  

shukriya is jaankari ka...

रंजन (Ranjan) June 17, 2009 at 4:18 PM  

ये हुई न बात.. अच्छा लगा..

P.N. Subramanian June 17, 2009 at 10:49 PM  

आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी. आभार

ritu September 9, 2010 at 12:08 AM  

thanks its very nice city

ritu September 9, 2010 at 12:08 AM  

thanks its very nice city

rohitshrivastav1 November 17, 2010 at 10:39 PM  

My dear all i want to know the temple of jiwan mata mandir, modhor (jodhpur). kindly tell me in brief... where is the temple.. bcoj this temple is our kuldevi.. so i want to visit..

GLX January 26, 2011 at 11:32 PM  

Main jodhpur jane wala hoo, lekin holiday calendar (http://www.travelindia-guide.com/holiday_calendar.aspx) ke hisab se OCt se pahle to time nahin milne wala lagta hai.

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