Friday, July 3, 2009

गोवा - 1



प्राकर्तिक सोंदर्य से से भरपूर स्थल goa अपने समुद्री तटों की वजह से दुनिया भर में प्रसिद्द है । कर्नाटक व महाराष्ट्र से घिरे गोवा के पश्चिम में लहलहाता अरब सागर है । यहाँ की राजधानी पणजी है जो की एक साफ सुथरा शहर है । वैसे तो पूरा साल गोवा जाने के लिए उपयुक्त है किंतु अक्तूबर से मई तक का समय गोवा जाने के लिए सबसे सही रहता है । और दिसम्बर में तो गोवा जाने का अलग ही मजा है क्योंकि क्रिसमस और नया साल यहाँ बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नया साल मानाने के लिए यहाँ जगह जगह से लोग आते हैं इसीलिए इस समय यहाँ की रोनक देखते ही बनती है । इतिहास में महाभारत गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र के नाम से मिलाता है माना जाता है कि इस स्थान की रचना परुशराम ने की थी । इस स्थान का नाम गोवा पुर्तगालियों ने रखा था पुर्तगालियों ने यहाँ लगभग ४०० साल तक राज किया इस बीच यहाँ अंग्रेजों व मराठों का राज भी रहा । 1561 में गोवा पुर्तगाली शासन से आजाद होकर भारत का हिस्सा बन गया । इतने समय तक पुर्तगाल का शासन रहने के कारण आज भी पुराने गोवा के घरों की बनावट में पुर्तगालियों की छाप नजर आती है । यह एक बहुत ही साफ सुथरा राज्य है यहाँ सड़कें सुंदर वृक्षोंसे सजी हैं । गोवा की प्रमुख भाषा कोंकणी और मराठी है लेकिन पूरे गोवा में हिन्दी बोली व समझी जाती है । दर्शनीय स्थलों के लिहाज से गोवा 2 भागों में बंटा हुआ है । उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा । उत्तरी गोवा में मायेम झील, वागाटोर बीच, अंजुना बीच, कलंगूट बीच तथा फोर्ट अगोडा आदि हैं और दक्षिणी गोवा में पणजी, डोना पाऊला बीच, पुराने गोवा के बाम जीसस तथा सी केथेड्रल चर्च आदि हैं

7 comments:

ताऊ रामपुरिया July 6, 2009 at 4:03 PM  

बहुत बढिया सैर करवाई आपने गोवा की. धन्यवाद.

रामराम.

दिगम्बर नासवा July 6, 2009 at 6:01 PM  

सुन्दर जानकारी गोवा के बारे में.......... सुन्दर ब्लॉग है आपका

admin July 6, 2009 at 6:49 PM  

अब तो इसे पढकर गोवा जाने के लिए मन मचल रहा है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

हें प्रभु यह तेरापंथ July 6, 2009 at 7:24 PM  

अनिलजी!
आपका भारत-यात्रा चिट्ठा वास्तव मे बडा ही उपयोगी है।
आज गोवा का वृतान्त पढ दोबारा जाने का मन कर रहा है
हार्दिक मगलभावनाओ सहीत
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ

बाल भवन जबलपुर July 6, 2009 at 11:48 PM  

वाह भाई
इब तो जाना इच्च पडेगा

seema gupta July 7, 2009 at 9:00 AM  

सुन्दर वर्णन गोवा की खूबसूरती जैसे आँखों के सामने ही उतर आई...

regards

हरकीरत ' हीर' July 7, 2009 at 1:32 PM  

गोवा जाना हुआ था एक बार ...दोना पौला नाम लिया तो कई स्मृतियाँ ताजा हो आई ......बहुत सी नयी जानकारी भी मिली ...शुक्रिया ....!!

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